रिश्ते आजकल रोटी की तरह हो गए हैं, जरा सी आंच तेज क्या हुई, जल भुनकर खाक हो जाते हैं। रिश्ते आजकल रोटी की तरह हो गए हैं, जरा सी आंच तेज क्या हुई, जल भुनकर खाक हो जाते हैं।