मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब न मांग। बस दो पल की हंसी और जिंदगी भर रूसवाई है। गमों का पहरा और बेपनाह तन्हाई है। इश्क का दामन थाम लेना,आसां नही निभा पाना। गर मुमकिन न हो साथ भी रह पाना। उस ठहरे हुए पानी में फिर कंकड़ ना मार। मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब न मांग। वादे और इरादे बदलते देर नहीं लगती है। जोर किसी पर किसी की कहां चलती है। जख्म भरे नही और चोट की बात कर दी। उम्र का क्या है देंगे यूं ही गुजार। मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब न मांग। #dil diyan gallan