मुझे दिल मे बसा लो तुम कि मै आबाद हो जाऊ कि जैसे लखनऊ का मै अमीनाबाद हो जाऊ कब तक बस निहारू ताज को यू तन्हा मै कोई गंगा मिल जाये तो मै इलाहाबाद हो जाऊ तेरी बाहो के घेरे मे गुजारू जिन्दगी अपनी फिर दुनिया के हर बन्धन से खुद आजाद हो जाऊ मै कहने लग गया हू गजले अब तो मुस्कराओ तुम यही तुम चाहते थे न कि मै बर्बाद हो जाऊ #तन्हाहम #अकेलेतुम