तुम हाँ, तुम जरूरत नहीं हो मेरी आदत हो ख़्वाब में मिली एक शोहरत हो तुम कहीं और नहीं मेरे भीतर हो मेरे दिल मे उठी बगावत हो यकीनन तुम मेरी पहली मोहब्बत हो तुम हाँ, तुम आखिर क्यों आईने में खुद को रोज-रोज तलाशती हो मेरी नजरों से देखो ना तुम खुद से भी ज्यादा खूबसूरत हो यकीनन तुम मेरी पहली नजर का पहला मुहब्बत हो—–अभिषेक राजहंस पहली नजर का पहला मुहब्बत