" मेरा परिवार " ( by Satyam Shrivastava ) परिवार बनता है .. कुछ जज्बात से ,कुछ एहसास से कुछ प्यार से , कुछ तकरार से कभी रूठना , कभी मनाना छोटी-छोटी बातों में बेवजह गुस्सा हो जाना एक दूसरे की गलती को माफ करते जाना रूठे को हंसाना बेवजह खिलखिलाना हर त्यौहार मिलजुलकर मनाना बिना l Love You बोले सच्चा वाला प्यार जता जाना.. बस ऐसे ही बनता है परिवार जिसे हम कहते हैं हमारा घराना.. " मेरा परिवार " ( by Satyam Shrivastava ) परिवार बनता है .. कुछ जज्बात से ,कुछ एहसास से