कुछ अनकहे अनसुने दिलचस्प किस्सों की किताब हो जैसे, उसकी मोहब्बत मेरी बुतपरस्ती का सबाब हो जैसे, कमज़र्फ मिटा देता है उम्मीद के हर निशान को, मेरा कोई दुश्मन उसका नकाब हो जैसे ।। sumit upadhyay ★★★★★★★ trying something new.. ★★★★★★★ कुछ अनकहे अनसुने दिलचस्प किस्सों की किताब हो जैसे, उसकी मोहब्बत मेरी बुतपरस्ती का सबाब हो जैसे, कमज़र्फ मिटा देता है उम्मीद के हर निशान को,