मैं तेरे बिन जो सांसे लूं ,उन्हें भी काम लिखता हूं , तेरे घर के हर एक रास्ते ,को अाठों धाम लिखता हूं , शहर जाकर बस तुझे रात की शोखी हुई हसिल , तो अपने गाँव की हर शाम ,तेरे नाम लिखता हूं ........! #k v .KUMAR YASHAAS .