हसरत-ए-इश्क़ साथ मरने की नहीं साथ जीने की रखती हूँ....... क्या करूँ तुमसे प्यार ही इतना करती हूँ..... समय की हर बंधिश को तोड़ दूंगी..... तुम दिली-ए-इकरार कर के तो देखो... मेरे जीवन का हर लम्हा सौंप दूंगी... .तुम ख़्वाईश-ए-बयाँ कर के तो देखो.... वादा है मेरा तुझे रत्ती भर भी मिटने न दूंगी..... एक बार रूह से रूह को मिलाकर तो देखो..... दुश्मनों को भी इश्क़ का इल्म करा दूंगी... .मुझे दोस्त-ए-हमसफर बना कर तो देखो...💜💜 लेखन- शिवन्या(शिवि) & मानस राज सिंह(रुद्र) #NojotoQuote A Gift Thanks For writing(gift) For and on me Shivi 💜 Love Love Bebo your Rudra(Manas Raj Singh)