पल पल जूझते खुद से करण ने भी किये होंगे खुद से सवाल कुछ ऐसे ही निःशब्द,चुपचाप; जहां साहस जवाब दे चले विवेक दिग्भ्रमितहो चले सत्य दिखाते है राह बनते हैं सम्बल पर जहां सत्य ही मरीचिका हो करन सदृश व्यक्तित्व का टूटना धागे धागे में बिखरना असम्भव नही पल पल ©ख़ुश्क आँसू #टूटना #टूटन #परिस्थितियां