"रात दिन बस सांसे लेना,
क्या सही है इसे ज़िन्दगी कहना,
रात दिन बस उसे याद करना,
क्या सही है ऐसा इश्क़ कर लेना,
रात दिन बस आंसू गिरने से रोकना,
क्या सही है दिल को ऐसे भारी कर लेना,
रात दिन बस मरने की बात करना,
क्या सही है ऐसे मुसीबतों से मुंह मोड़ लेना,
सोचना एक दफा इन बातो को,
क्या सही है यू ज़िन्दगी को बस गुज़ार लेना?"