दिसंबर का महीना दिसंबर का महीना है ये तो सिर्फ बहाना है, लोगों को दिसंबर के नाम से सिर्फ जश्न मे डुबना है, कहीं जिस्म बेचे जाते है तो कहीं जिस्म नोचे जाते है, नारी आबरू का खेल ये रित,जनाब सदियों पुराना है, राजा महाराजाओं से लेकर सरकार तक, बाबा पंडितों से लेकर गुंडे मवाली तक, हर किसी को सराफत का चोला ओढकर अपने पापों को छुपाना है, दिन वही, रात वही,बात वही, ख्यालात वही,घड़ी के वक्त वही है, पुराना साल जा रहा है नया साल आ रहा है देश बदल रहा है ये सब फसाना है, देवी की पृतिमा के समान बेटी व नारी को पूजा जायेगा, वो दिन सरिता का नया जमाना होगा, दिसंबर का महीना है, ये तो सिर्फ बहाना है।।।। #decemberkamahina#nojotochellenge#nojotopoems #@sarita#