ख्वाबों से निकलकर तुझे याद हम करेंगे तू सफ़रे-हयात हो यही फरियाद हम करेंगे इश्क सच्चा हो तो बंदिशें टूट जाती है सारी कोशिशें हो तुम्हारी और इमदाद हम करेंगे ज़माना लाख बुरा चाहे तो क्या ग़म है हमको प्यार के जहाँ को मिलकर आबाद हम करेंगे पकड़ सका है भला कौन वक़्त का परिंदा बेकार की बातों में क्यूं वक़्त बर्बाद हम करेंगे #दिसंबर#10