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गम से नम है आंख पर महफ़िलो में आँसुओ की बरसात यह

गम  से नम है आंख पर  महफ़िलो में 
आँसुओ की बरसात यह लाती कहाँ है,,

कबसे तड़फ रहा हूं उससे बात करने को
मगर वो दिलरुबा मुझे बुलाती कहाँ है,,

बेचैनियो  में काटी  है  रात  उसके बिना
महोब्बत में दिल को करार आती कहाँ है,,

जीना अब मुश्किल सा लगता है बिन उसके
बेकरार है जान....मगर जान जाती कहाँ है,, जान जाती कहाँ है,,,,,,, HIMMAT SINGH Piyush kumar Vijay aman6.1 Neetu_$harmA❤POete$$✒
गम  से नम है आंख पर  महफ़िलो में 
आँसुओ की बरसात यह लाती कहाँ है,,

कबसे तड़फ रहा हूं उससे बात करने को
मगर वो दिलरुबा मुझे बुलाती कहाँ है,,

बेचैनियो  में काटी  है  रात  उसके बिना
महोब्बत में दिल को करार आती कहाँ है,,

जीना अब मुश्किल सा लगता है बिन उसके
बेकरार है जान....मगर जान जाती कहाँ है,, जान जाती कहाँ है,,,,,,, HIMMAT SINGH Piyush kumar Vijay aman6.1 Neetu_$harmA❤POete$$✒

जान जाती कहाँ है,,,,,,, HIMMAT SINGH @Piyush kumar @Vijay @aman6.1 Neetu_$harmA❤POete$$✒