मशरूफ ज़िन्दगी ने दूर क्या किया हमें महफ़िल से, ग़ालिब बना बैठा है हर नादाँ-ए-महफ़िल जिसको प्याला पकड़ना भी हमने सिखाया था.. Satyaprem Mukesh Poonia Anushka Verma नयनसी परमार Akshita Jangid(poetess)