आज बच्चों को शोर मचाने दो कल जब ये बड़े हो जाएँगे ख़ामोश ज़िंदगी बिताएँगे *हम-तुम जैसे बन जाएँगे* गेंदों से तोड़ने दो शीशें कल जब ये बड़े हो जाएँगे दिल तोड़ेंगे या ख़ुद टूट जाएँगे *हम-तुम जैसे बन जाएँगे* बोलने दो बेहिसाब इन्हें कल जब ये बड़े हो जाएँगे इनके भी होंठ सिल जाएँगे *हम-तुम जैसे बन जाएँगे* बनाने दो इन्हें काग़ज़ की कश्ती कल जब ये बड़े हो जाएँगे ऑफ़िस के काग़ज़ों में खो जाएँगे *हम-तुम जैसे बन जाएँगे* रहने दो आज मासूम इन्हें कल जब ये बड़े हो जाएँगे ये भी “समझदार” हो जाएँगे *हम-तुम जैसे बन जाएँगे* #nojotohindi #poetry #thought #children #memory