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कभी लगती है दादी अम्मा तो कभी डांटती जैसे हो मेरी

कभी लगती है दादी अम्मा
तो कभी डांटती जैसे हो मेरी मम्मा।
कभी गुस्सा हो रूठ जाती
तो कभी प्यार से पास बुलाती।
कभी टप टप आंसू बहाती
तो कभी मंद मंद ही मुस्काती।
दिल की बड़ी ही नेक है, सच कहूँ
तो मेरी बहना लाखों में एक है। bhai bahan ka peyar
कभी लगती है दादी अम्मा
तो कभी डांटती जैसे हो मेरी मम्मा।
कभी गुस्सा हो रूठ जाती
तो कभी प्यार से पास बुलाती।
कभी टप टप आंसू बहाती
तो कभी मंद मंद ही मुस्काती।
दिल की बड़ी ही नेक है, सच कहूँ
तो मेरी बहना लाखों में एक है। bhai bahan ka peyar

bhai bahan ka peyar