☕☕चाय☕☕
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।
सुबह की पहली किरण तो ढलती शाम भी तू।
कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।। #writingcommunity#writer#yqtales#NojotoWriter#ankahi_ink#teaspecial