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☕☕चाय☕☕ चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर

☕☕चाय☕☕

चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।
सुबह की पहली किरण  तो ढलती शाम भी तू।
कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।

कहीं ये जीने की वजह, तो रात का सुकून भी है।
माँ पापा के झगड़े में सुलह की कडी भी है।
दोस्तों के बीच गपशप की सहेली भी है।
और आशिको के दर्द का मलहम भी है।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।

-Vaishali Shukla
@ankahi_ink ☕☕चाय☕☕

चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।
सुबह की पहली किरण  तो ढलती शाम भी तू।
कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।
☕☕चाय☕☕

चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।
सुबह की पहली किरण  तो ढलती शाम भी तू।
कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।

कहीं ये जीने की वजह, तो रात का सुकून भी है।
माँ पापा के झगड़े में सुलह की कडी भी है।
दोस्तों के बीच गपशप की सहेली भी है।
और आशिको के दर्द का मलहम भी है।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।

-Vaishali Shukla
@ankahi_ink ☕☕चाय☕☕

चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।
सुबह की पहली किरण  तो ढलती शाम भी तू।
कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू।
चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है।
इसके जो बाहर, वही अन्दर है।।

☕☕चाय☕☕ चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है। इसके जो बाहर, वही अन्दर है। सुबह की पहली किरण तो ढलती शाम भी तू। कई रंग तेरे, हर रंग में समाये भी तू। चाय बस चाय नहीं जनाब, जज्बातों का समन्दर है। इसके जो बाहर, वही अन्दर है।। #writingcommunity #writer #yqtales #NojotoWriter #ankahi_ink #teaspecial