मेरे सामने वाली खिड़की....अरे गाना नहीं लड़की थी, देखने में अच्छी थी,चेहरा से भी और दिल से भी,प्यार तो नहीं पर दोनों का दिल कुछ जरूर कर रहा था,जब भी सुबह उठता प्राकृति और वो दोनों को देखने का मौका मिलता,वो खिड़की पर घंटों रहती,दिल तो कहता था मुझे देख रही,पर उसकी नजर नहीं,facebok पर एक दिन message आया hii किसी को बताना नहीं मैंने तुमसे बात किया,मै तब खुश हुआ और सोचा मै भी स्मार्ट हूं शायद हाहाहाहहा...कुछ दिन बात हुई,फिर पता चला उसका कोई और प्यार है दरअसल वो खिड़की मुझे देखने नहीं हेड फोन से बालों छुपा के बात करने आती थी,प्यार था नह....सुंदरता बस। real