हम दूर रहकर भी साथ अपनों का ढूँढा करते हैं अनजान होकर भी साथ अपनों का ढूँढा करते हैं उन यादों की महक दूर तक फैली हुई है हर पल जिन्दगी मे इक नई उम्मीद सी बाकी है हर लम्हे से गुजरती जिंदगी अब इक मुसाफिर मुझे बना जाती हैं कोई उम्मीद सी दिल में मेरे एक नया खबाहिशो का घर सजा जाती हैं बस यादों की महक मेरे आँगन की हवा महका जाती हैं । अंशु शायरी #sunrays