#DearZindagi उसके नाम मैंने कितना अल्फ़ाज़ लिखा मुझे तो याद भी नही उसे न जाने कितनी रात लिखा, कितने आते, उसकी ख़ता बताते पर मैंने उसे हर लफ्ज़ में बेदाग लिखा, जब जब हुआ दीदार उसका हर उस लम्हें को मैंने लम्हा बेहिसाब लिखा, वो अक्सर झूठ बोल जाती थी मुझसे पर मैंने उसकी हर बात का सच्चा जवाब लिखा, जब तक रही वो मेरे साथ तब से आज तक मैंने अपनी ज़िंदगी लाज़वाब लिखा, #dearZindagi #विचार #अल्फाज़#lazawab