तेरा सुलूक मुझको ये बता रहा है आज-कल जो मुझमें एक बात थी वो बात अब रही नहीं -Irfan sattar sahab Read complete in description तेरा सुलूक मुझको ये बता रहा है आज-कल जो मुझमें एक बात थी वो बात अब रही नहीं अगर मैं बद-दिमाग़ हूँ तो मुझसे मत मिला करो मुनाफ़िक़ों से यूँ भी मेरी आज तक बनी नहीं तुम्हें ख़बर कहाँ की लुत्फ़ कैसा दर-गुज़र में है मुझे किसी से कुछ गिला नहीं है,वाक़ई नहीं