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मै तुझसे मिलते मिलते रह गया डर है कहि हमारा प्यार

मै तुझसे मिलते मिलते रह गया
डर है कहि हमारा
 प्यार पुराना न हो जाय,
तू रेत सी फिसलती गयी
मुट्ठी से मेरे
डर है कि मेरा दिल
 कहि उजड़े घरौंदो का
 घराना न हो जाय
      हितेश यादव एक डर है--------////
मै तुझसे मिलते मिलते रह गया
डर है कहि हमारा
 प्यार पुराना न हो जाय,
तू रेत सी फिसलती गयी
मुट्ठी से मेरे
डर है कि मेरा दिल
 कहि उजड़े घरौंदो का
 घराना न हो जाय
      हितेश यादव एक डर है--------////