**अधूरे सपने** ज़िन्दगी के कुछ सपने अधूरे से रह गए कुछ कर गुजरने की चाह में हम खुद अधूरे से रह गए।। जाना तो चाहते थे, हम अपनी मंजिल तक पर कभी तकदीर ने साथ छोड़ दिया तो कभी अपनों ने मुंह मोड़ लिया।। सिमट के रह गए मेरे,,,,,,,,,, जज़्बात मायूस से हो गए मेरे,,,,,,,, ख्वाब रूठ से गए मेरे वो,,,,,, एहसास ठहर सी गई ज़िन्दगी,,,,, हमारी बिखर गए अपने और रह गए मेरे अधूरे सपने।। कभी_कभी तकदीर भी इम्तेहान लेती हैं तभी तो अधूरे सपनों की उड़ान होती है। अधूरे सपने 😢