धुआँ धुआँ सी कहीं हो न जाये ज़िन्दगी, ये सिगरेट नहीं जहर है मौत का कहर है, तुम इसे पीकर धुआँ फैला ते हो अपनी और किसी और की सांसे तुम छीनना चाहते हो, ये जो नशा कर रहे हो वो जीवन का कौन सा लहर है ये सिगरेट नहीं i जहर है तुम हो तो तुम्हारा परिवार है इस नशा को तुमसे न प्यार है फिर तुम क्यों करते इस ज़िन्दगी को खुमार है, इस नशा को तुमसे ना प्यार है अगर कभी जीने की आस तुम्हारे मन मे जगी कही देर ना हो जाए, धुआँ धुआँ सी कहीं हो ना जाए ये जिंदगी, धूम्रपान सेहत के लिये हानिकारक है केवल आप के लिये नहीं आपसे जुड़े हर वयक्ति के लिये, अपने लिए नहीं तो उन लोगो के लिए जिन्हे आप खोना नही चाहते धुआँ धुआँ हो ना जाए जिंदगी