तु हो भले ही गरीब बडा , पर नसीब तेरा सोने का है तु भाग उठा के ज़ंजीरें ,ये वक्त नहीं रोने का है तु सदियो से था हार रहा , बस अभी तो लड़ना सिखा है वक्त इस हार कि रूखी मिट्टी पर, दरख़्त नया बोने का है तु दोड़ रहा है भुखा प्यासा , पर अभी दौड़ भी बाकि है उठ, अपनी पलकों का वज़न तु ढ़ो , ये वक्त नहीं सोने का है तु जला धूप में तन अपना , मंज़िल तक मुकर्रर भाग चल ये वक्त यु रूक के छांव में , जीत नहीं खोने का है गला के तलवे बर्फ में , तु हड्डियों के दम पर दौड़ा है यु देख के छाले अपने ही, कमजोर नहीं होने का है तु हो भले ही गरीब बडा , पर नसीब तेरा सोने का है तु भाग उठा के ज़ंजीरें ,ये वक्त नहीं रोने का है तु हो भले ही गरीब बडा , पर नसीब तेरा सोने का है । तु भाग उठा के ज़ंजीरें ,ये वक्त नहीं रोने का है । #nojotohindi