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घर होकर भी रात स्टेशन में काटी है तू नही जानती ये

घर होकर भी 
रात स्टेशन में काटी है
तू नही जानती
ये जिंदगी, किस कदर काटी है

तू खुश है तो रह
मेरा क्या है,
मैंने तो ये हसीं शाम
गम में काटी है

काश! तू पास होती तो
बताते तुझे
ये ग़ज़ल लिखने में 
कितनी रात जागते काटी है #ये जिंदगी, किस कदर काटी है...
घर होकर भी 
रात स्टेशन में काटी है
तू नही जानती
ये जिंदगी, किस कदर काटी है

तू खुश है तो रह
मेरा क्या है,
मैंने तो ये हसीं शाम
गम में काटी है

काश! तू पास होती तो
बताते तुझे
ये ग़ज़ल लिखने में 
कितनी रात जागते काटी है #ये जिंदगी, किस कदर काटी है...
abhisri0950577

abhisri095

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#ये जिंदगी, किस कदर काटी है...