जब-जब आया फागुन का महीना पँछी बनाने लगा हो सहर्ष घोंसला आम में मंजर खिला हो भरपूर मनभावन सुगंध फैली चारो ओर कोयल जब गाने लगी हो प्रेमगीत मुझको बस तेरी याद आई मनमीत