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सम्मान हमेशा वक़्त बुरा है! कोई बात नहीं, मेरे रो

सम्मान हमेशा  वक़्त बुरा है! कोई बात नहीं,
मेरे रो लेने से, तुम हंसना सिख लोगे,
राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

जीतोगे तुम एकदिन, चांद की दुनिया को,
हर प्यादों के टक्कर से, तुम सम्भलना सीख लोगे।
और राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

देखेंगे सूरज को हम, चांद की दीवारी से,
सूरज की लाली से, तुम चमकना सीख लोगे,
फिर, सितारों से होंगे संवाद तुम्हारे...
एक दिन शायद! तुम बदलना सीख लोगे,
और राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

©कवितांचल (Viveksri) #father 

#PoetInYou
सम्मान हमेशा  वक़्त बुरा है! कोई बात नहीं,
मेरे रो लेने से, तुम हंसना सिख लोगे,
राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

जीतोगे तुम एकदिन, चांद की दुनिया को,
हर प्यादों के टक्कर से, तुम सम्भलना सीख लोगे।
और राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

देखेंगे सूरज को हम, चांद की दीवारी से,
सूरज की लाली से, तुम चमकना सीख लोगे,
फिर, सितारों से होंगे संवाद तुम्हारे...
एक दिन शायद! तुम बदलना सीख लोगे,
और राह कठिन है, ये नई बात नहीं है,
मैं पिता हूँ तुम्हारा, तुम चलना सीख लोगे,

©कवितांचल (Viveksri) #father 

#PoetInYou