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एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए

एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए 
                         गुलजार साहब 

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो
मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती
किसी ओर के हिस्से के तक़दीर थी वो.... एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए 
                         गुलजार साहब 

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो
मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती
किसी ओर के हिस्से के तक़दीर थी वो....
एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए 
                         गुलजार साहब 

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो
मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती
किसी ओर के हिस्से के तक़दीर थी वो.... एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए 
                         गुलजार साहब 

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो
मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती
किसी ओर के हिस्से के तक़दीर थी वो....

एक अधूरी मुहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए गुलजार साहब भले ही किसी गैर की जागीर थी वो पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती किसी ओर के हिस्से के तक़दीर थी वो....