Nojoto: Largest Storytelling Platform

Maa माँ तेरे जाने से माँ तुमहारे जाने के बाद दिल

Maa  माँ तेरे जाने से
माँ तुमहारे जाने के बाद दिल के एक  कोने से  एक ख।लीपन रह गय। है   तुम्हारे   य।द आती है  और पलके भिग ज।ती है  तुम एक सुन्दर    मेहनती समझदार   दय।लू ममत।मयी पय।री माँ थी  तुम्हारे  दिल  में  हर किसी के  लिए  एक अपनापन था  तुम एक नदीकी तरह  थी जो जहाँ  भी  बहती है   अपने अ। स प।स हरा भरा बना देती है  ।  आ प बहुत  अच्छा  खाना  बनाती थी  पराये को भी अपना  बना  लेती थी  हम पाँच  बहनो में  तुम्हारी ही छवि  है    हमे तुम ने  कभी हार न मानने वाली    बनिया अपने अच्छे  ससकारो की चादर में  लपेट  कर   स्वाभिमान  के साथ आत्म निर्भय  बनना  सिखाने वाली मेरी माँ  आप बहुत  कम पढी लिखी थी ।लेकिन अपने सभी बच्चों  को आपने उच्च  शिक्षा दिया।  हम सभी बहन भाईयो में  आपके दिये संस्कार   नैतिक  मूल्य  बसे हुये है । बाबा से आपने बहुंत  प्यार  कियाउनके साथ खुब स्थानो  मे  धुमी  क्यो कि पापा सेना मे थे  उनकी बीमारी  में भी हर पल उनके साथ रही और उनका जाना और  दो बेटो का  जाना  आपको अन्दर  तक हिला गया था ।  और आपबीमार  रहने लगी थी ।  बीमारी में  आपने इतना कष्ट  क्यो  उठाया   शायद भगवान आपकी परीक्षा  ले रहा था। बीमारी में  आप सब कुछ  भुल ने लगी थी । ।  पर अपनें बच्चों  को आप नही भुली थी । अनितम समय तक  आप बच्चों  की चिंता  करती  रही ।और फिर हम सब से जुदा हो गई  । आपने । हमेशा चाह  कि  बच्चे खुश रहे । में  भी चाहूँ गी की  आपकी  तरह  अपने  बच्चों  को अच्छे  संस्कार  दे सकू ।       आपकी  शारू।         "फैले   हैं  तेरे  हाँथ  दस दिशाओ की तरह   तेरी ही वजह से तो आज दुनिया  में दस परिवार  और फैल गये । #mother #maakadil #poem #mothers #daughters
Maa  माँ तेरे जाने से
माँ तुमहारे जाने के बाद दिल के एक  कोने से  एक ख।लीपन रह गय। है   तुम्हारे   य।द आती है  और पलके भिग ज।ती है  तुम एक सुन्दर    मेहनती समझदार   दय।लू ममत।मयी पय।री माँ थी  तुम्हारे  दिल  में  हर किसी के  लिए  एक अपनापन था  तुम एक नदीकी तरह  थी जो जहाँ  भी  बहती है   अपने अ। स प।स हरा भरा बना देती है  ।  आ प बहुत  अच्छा  खाना  बनाती थी  पराये को भी अपना  बना  लेती थी  हम पाँच  बहनो में  तुम्हारी ही छवि  है    हमे तुम ने  कभी हार न मानने वाली    बनिया अपने अच्छे  ससकारो की चादर में  लपेट  कर   स्वाभिमान  के साथ आत्म निर्भय  बनना  सिखाने वाली मेरी माँ  आप बहुत  कम पढी लिखी थी ।लेकिन अपने सभी बच्चों  को आपने उच्च  शिक्षा दिया।  हम सभी बहन भाईयो में  आपके दिये संस्कार   नैतिक  मूल्य  बसे हुये है । बाबा से आपने बहुंत  प्यार  कियाउनके साथ खुब स्थानो  मे  धुमी  क्यो कि पापा सेना मे थे  उनकी बीमारी  में भी हर पल उनके साथ रही और उनका जाना और  दो बेटो का  जाना  आपको अन्दर  तक हिला गया था ।  और आपबीमार  रहने लगी थी ।  बीमारी में  आपने इतना कष्ट  क्यो  उठाया   शायद भगवान आपकी परीक्षा  ले रहा था। बीमारी में  आप सब कुछ  भुल ने लगी थी । ।  पर अपनें बच्चों  को आप नही भुली थी । अनितम समय तक  आप बच्चों  की चिंता  करती  रही ।और फिर हम सब से जुदा हो गई  । आपने । हमेशा चाह  कि  बच्चे खुश रहे । में  भी चाहूँ गी की  आपकी  तरह  अपने  बच्चों  को अच्छे  संस्कार  दे सकू ।       आपकी  शारू।         "फैले   हैं  तेरे  हाँथ  दस दिशाओ की तरह   तेरी ही वजह से तो आज दुनिया  में दस परिवार  और फैल गये । #mother #maakadil #poem #mothers #daughters