ऐसा नहीं की गांधी के साथ नहीं हूं मैं गोडसे के दौर में गांधी के साथ हूं मैं नफ़रत की दीवार कुछ लोगों ने बना डाली है फिर भी मुहब्बत करने वालों के साथ हूं मैं क्या पता कब चला जाऊंगा इस जहां से एक पल ही सही मगर अच्छों के साथ हूं मैं कुछ भी कर लो प्यार कम नहीं होगा मुल्क से गद्दारों को छोड़कर अपने मुल्क के साथ हूं मैं धर्म जातिवाद नफ़रत की बात अब अच्छी नहीं आरिफ सब कुछ छोड़ राष्ट्रहित के साथ हूं मैं ऐसा नहीं की गांधी के साथ नहीं हूं मैं गोडसे के दौर में गांधी के साथ हूं मैं नफ़रत की दीवार कुछ लोगों ने बना डाली है फिर भी मुहब्बत करने वालों के साथ हूं मैं क्या पता कब चला जाऊंगा इस जहां से एक पल ही सही मगर अच्छों के साथ हूं मैं