रंगना चाहूँ में खुद तो बस उसी के रंग में.. बसना चाहूँ में खुद तो बस उसी के अंग में.. जिस रंग की वो साड़ी पहने.. मेरी पगड़ी हो उसी के रंग में.. जिस रंग की वो बिंदिया सजाये.. मेरे भाल तिलक हो उसी के रंग में.. जिस रंग की हो उन होठों की लाली.. मेरी मुस्कान भी हो उसी के रंग में.. जिस रंग की हो उन हाथों की मेंहदी.. मेरे हाथ सने हों तो उसी के रंग में... रंगना चाहूँ में खुद तो बस उसी के रंग में.. बसना चाहूँ में खुद तो बस उसी के अंग में.. #उसीकारंग