चलो फिर से बच्चा बना जाए, ना देख आगे पीछे चल एक बार फिर से नंगे पांव सड़क पर उस कटे पतंग के लिए दौड़ लगाया जाए, दौड़ते वक़्त आंखो में उसे पाने की लालच और होठों में मुस्कान लाया जाए, क्यों ना फिर से बच्चा बना जाए, उस ठंडी वाली सुबह में स्कूल वाली हाफ पैंट और कमीज़ पहना जाए, अपने कंधो में एक बस्ता लिया जाए जिसमें भारी वज़न वाली किताबें और हल्की वज़न वाली टिफिन जिसमें रात वाली रोटी और मां के हाथों के बने आम का आचार लाया जाय क्यों ना फिर से बच्चा बना जाए। #childrenday #child_poem #old_memories #yaade #2019