क्या नाराज़गी जताए इंसान की इंसानियत से सुना है आईना भी पत्थर की बनावट है, खूबसूरती तो ज़ेहन से ज़ाहिर होती है ऊपर से तो बस कपड़े की सिलावट है, कुत्ते के भी राजो से ठाठ है घर के बजुर्ग तो बस एक मात्र सजावट है, जरूरत पर कोई साथ नही चलता अपनी परछाई भी बस एक दिखावट है, खो गए हीर रांझा कही प्यार में भी जिस्मों की गरमाहट है, रिश्तों की मेंहगाई आसमान छू रही है ज़ज़्बातों में आई भारी गिरावट है, किस खुदा की इबादत करू उसकी मूरत में भी तो मिट्टी की मिलावट है, A R Shah Pratibha Tiwari(smile)🙂 Nawab Khan Introvert Sumit Parvej Khan Shizuka