इश्क़ का अंजाम माना तू मेरी किस्मत में नहीं बस इसलिए तुझे छोड़ दूँ? ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं तो क्या मैं जीना छोड़ दूँ ? माना हक नहीं मेरा तुझपर तो परवाह करना छोड़ दूँ? माना कि हम मिल नहीं सकते तुझे खुदा से माँगना छोड़ दूँ? रश्मि आर्य #ishq मेरी किस्मत में नहीं तो क्या इश़्क करना छोड़ दूँ....