Nojoto: Largest Storytelling Platform

सामने मंज़िल थी और, सामने मंजिल थी , और पीछे वहीं ज

सामने मंज़िल थी और, सामने मंजिल थी , और पीछे वहीं जिंदगी ,, 
अटक गया था सोच कर कहीं टपक ना जाऊं 
इस अंधी छलांग में , 
पता ना था होगा क्या अगले पल
 मेरी इस फलांग में ।
कूद पड़ा हुआ देखो अब
 कोई तो मंजिल पाऊंगा,, 
हंसते हंसाते हर पल मैं
 एक नए दिल में जगह बनाऊंगा... 
...मन... #December #day2 #manjil 
...मन...
सामने मंज़िल थी और, सामने मंजिल थी , और पीछे वहीं जिंदगी ,, 
अटक गया था सोच कर कहीं टपक ना जाऊं 
इस अंधी छलांग में , 
पता ना था होगा क्या अगले पल
 मेरी इस फलांग में ।
कूद पड़ा हुआ देखो अब
 कोई तो मंजिल पाऊंगा,, 
हंसते हंसाते हर पल मैं
 एक नए दिल में जगह बनाऊंगा... 
...मन... #December #day2 #manjil 
...मन...