अनुभवों को शब्दों में, मैं हर रोज़ गढ़ जाऊँ। भावना के अनन्त सागर में अन्दर तक उतर जाऊँ। सम्बन्ध हो या साहित्य हो रचे रोज नया "अनुराग" मैं रचता हूँ तो जीवित हूँ, न रचूँ तो मर जाऊँ। बोल दूँ या चुप रहूँ... की कर रहा वो भूल है. पाक मन से खेलना.. कितना बड़ा जुल्म है... © कव्यप्रिंस #Moon #Truth #Life #Nojoto #Love #Faith #Struggle #Stranger #Choice #game