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सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन ह

सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ,
पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा।
उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा।
पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #Sukha 
सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ,
पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा।
उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा।
पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा।
#hindisahityasagar  #poetshailendra

#Sukha सूखकर डाली से निस्संग होता है पत्ता जहाँ, पल्लवन होता नवल कोंपल का आया है सदा। उत्कर्ष जिसका आज है अपकर्ष होगा कल सदा। पूर्व में उत्थान रवि का तो अवसान पश्चिम में सदा। #hindisahityasagar #poetshailendra #कविता

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