बड़ी आलिशान कोठी रही होगी की पंथजू रहा करते थे बड़े बड़े दरवाजे, उन से भी बड़ी खिड़कियाँ और झाँपती हुई टीन की असमानी छत किसी ने एक बार कमरे गिनने की कोशिश की थी कहते हैं कि वो "भभरी" गया मोहल्ले के शादी ब्याह में जब कोठी में जनवासा पसर जाता तो कुछ सिंदबादी जवान कमरों की गिनती करने को गोते लगाते और अक्सर फ्रूट क्रीम के भगोने के साथ पाए जाते चाल ढाल जैसी भी रही हो पर कोठी थी तो धर्मात्मा वो बारिश में छतरी बन जाती, तो धूप में छांव और कई बार बर्फानी सर्दियों में वो पव्वे की गर्मी का एहसास देती थी उसके सामने बने "पैरापिट" कभी आरामगाह बन जाते थे तो कभी सब्बल कई बार मैंने वहाँ थकान को केंचुली उतारते देखा था सुना है उस कोठी पर अब कानून का कब्ज़ा है और आम जनता का जाना गैरकानूनी क्या पता मिलॉड भी कभी कमरे गिनते गिनते "भभरी" जाते हों सुकून का शहर 2. पंत सदन #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #nainital #nostalgic #pant_sadan #sukoon_ka_shahar #सुकून_का_शहर