जो पत्थरो मे जुबा ढूंढे हम वो चीज है दोस्त, है मर्ज ख्वाब सजाना तो हम मरीज है दोस्त। हमे कहानिया लिखने दो बहते पानी पे, ये बेवकूफिया हमे बहुत अजीज है दोस्त।। #अमित# लेख