तेरी सिरत से वाकीफ हूँ मुझे सुरत नहीं चाहिये गर हो हुक्म तेरा तो मैं ब्यां करूँ... मुझे मेरे समाज में लड़की नहीं मरदानी चाहिये..!! मुकेश ऋषि