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*उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,* *हमें तो ये, कुदरत

*उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,*
*हमें तो ये, कुदरत का कहर लगता है!!*

*इंसान ने की, ऐसी भी क्या तरक्की है,*
 *कि इंसान को, इंसान से ही डर लगता है!!*
     Good morning @ram
*उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,*
*हमें तो ये, कुदरत का कहर लगता है!!*

*इंसान ने की, ऐसी भी क्या तरक्की है,*
 *कि इंसान को, इंसान से ही डर लगता है!!*
     Good morning @ram
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