मन के अँधेरे में कुछ अनसुलझे सवाल,कुछ अजनबी चहेरे,कुछ बेनाम ख्वाहिशें,कुछ बेनाम रिश्ते जिसका गवाह सिर्फ मेरा खुदा है, कुछ पुरानी ज़हरीली यादें,और ना जाने कितने ऐसे जज़्बात जो कभी बयां न किये जा सके,सब कुछ यहीं इसी मन के अँधेरे में दफ़्न है... sajid mirza.. #हकीकतें..