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जिसको समझे थे सहर एक वही रात हुई दिल तो रोता रहा

जिसको समझे थे सहर एक वही रात हुई 
दिल तो रोता रहा आँखों से न बरसात हुई,

कोई मुश्किल न था लड़ना किसी दुश्मन से 
बस मगर अपनों से है कुछ देखिये मात हुई.
 
जिसको कहता ये जमाना है मुहब्बत प्यारे 
इश्क की आग वही शोला-ए-जज़्बात  हुई.

रंग खूँ का नहीं अब लाल किसी का यहां.
अब कहाँ ज़ीस्त बशर की कोई सौगात हुई.

 निहारिका सिंह #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #life #love #poetry #quotes
जिसको समझे थे सहर एक वही रात हुई 
दिल तो रोता रहा आँखों से न बरसात हुई,

कोई मुश्किल न था लड़ना किसी दुश्मन से 
बस मगर अपनों से है कुछ देखिये मात हुई.
 
जिसको कहता ये जमाना है मुहब्बत प्यारे 
इश्क की आग वही शोला-ए-जज़्बात  हुई.

रंग खूँ का नहीं अब लाल किसी का यहां.
अब कहाँ ज़ीस्त बशर की कोई सौगात हुई.

 निहारिका सिंह #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #life #love #poetry #quotes