माँ की ममता में, बहन के प्यार में। बीवी की मोहब्बत में, बेटी के दुलार में। तू देवी की तरह पूजी जाती है; और अक्सर जानवरों की तरह नोची जाती है। गुलज़ार साहब की त्रिवेणी को माध्यम बना कर लिखने की एक कोशीश। त्रिवेणी का तीसरा मिसरा पहले दोनों मिसरों के मेहफूम को निखारता है या इज़ाफ़ा करता है या उस पर 'comment' करता है।