कुछ दर्द लिये बैठे हैं , कुछ दवा लिये बैठे हैं ! कुछ धरती पे खुश हैं , कुछ आसमां लिये बैठे हैं ! अमीर आशिकों ने , खरीद ली वफाऐं ! गरीब थे जो आशिक , वो बेवफा लिये बैठे हैं ! Prabh Ghai