पहरा लगा है जिंदगी मे, मानो तड़प सी रही हुँ..... चाहत बहुत सी है, इस मन मे, पर उन पलो के लिये लड़ सी रही हूँ.... जानती नहीं हूँ क्या सही है, क्या गलत शायद यही वजह है अंधेरों के भवँर मे घुट सी रही हूँ.... # pal