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जो न घुघरू पर रूकती है न चूड़ियो पर ठहरती है एक

जो न घुघरू पर रूकती है 
 न चूड़ियो पर ठहरती है 
एक लड़की है जो रोज खुद से बाहर निकलती है  
मजीहा (ईष्ट)  और मन्नत से मतलब नही 
वो कई जिंदगी में हकीकत को उकेरा करती है  
एक लड़की है जो रोज खुद में सिमटती है 
दिन रात है लिबाज से उसके 
वो होले होले से हरेक लिबाज की हकीकत से गुजरती है  
एक लड़की है जो रोज खुद से लड़ती है  #NojotoQuote
जो न घुघरू पर रूकती है 
 न चूड़ियो पर ठहरती है 
एक लड़की है जो रोज खुद से बाहर निकलती है  
मजीहा (ईष्ट)  और मन्नत से मतलब नही 
वो कई जिंदगी में हकीकत को उकेरा करती है  
एक लड़की है जो रोज खुद में सिमटती है 
दिन रात है लिबाज से उसके 
वो होले होले से हरेक लिबाज की हकीकत से गुजरती है  
एक लड़की है जो रोज खुद से लड़ती है  #NojotoQuote
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