एक चिड़िया उड़ चली, (read caption for full poem) ©Dipti Joshi एक चिड़िया जो कैद थी, वो अब भर रही हुंकार देख नर को तड़पता वो कर रही उपहास एक चिड़िया जो मौन थी, वो अब गा रही मधुर गान