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बादलो की आवाज सुन सहम जाती थी अंधेरे से वो आज भी

बादलो की आवाज सुन सहम जाती थी 
अंधेरे से वो आज भी डरती तो होगी 
कैसे भूली होगी उसका सहारा था मैं 
मेरे कंधे के सहारे याद करती तो होगी 
फिर सोचता हूँ कलाकार थी वो 
तब जा अब नाटक ही करती होगी 
बातूनी थी पर सबको याद रखती थी 
जिक्र मेरे भी तो किसी से करती तो होगी
बादलों की आवाज सुन सहम जाती थी 
अंधेरे से वो आज भी डरती तो होगी अंधेरे से डर  Hidden_feelings Ishita😀😀😀 #suman# aman6.1 Namita
बादलो की आवाज सुन सहम जाती थी 
अंधेरे से वो आज भी डरती तो होगी 
कैसे भूली होगी उसका सहारा था मैं 
मेरे कंधे के सहारे याद करती तो होगी 
फिर सोचता हूँ कलाकार थी वो 
तब जा अब नाटक ही करती होगी 
बातूनी थी पर सबको याद रखती थी 
जिक्र मेरे भी तो किसी से करती तो होगी
बादलों की आवाज सुन सहम जाती थी 
अंधेरे से वो आज भी डरती तो होगी अंधेरे से डर  Hidden_feelings Ishita😀😀😀 #suman# aman6.1 Namita

अंधेरे से डर @Hidden_feelings Ishita😀😀😀 @aman6.1 @Namita">#SUMAN# aman6.1 Namita #Shayari